पूजनीय पापा/मम्मी
मैं, ना अच्छी हूँ, ना मेहनती हूँ, मैं सिर्फ मूर्ख पशु हूँ और ये मैंने भी आज मान लिया है।
पापा सच कह रही हूँ, मैंने अपने हिसाब से खूब मेहनत की पर क्या करूँ नंबर ही नहीं आते हैं।
मुझे पता है मेरे कारण ११ साल से आपकी नाक कट रही है पर मैं यकीन दिलाती हूँ कि अब आप का अपमान नहीं होगा। ये देह छोड़ रही हूँ, इसी आस से कि शायद मरने के बाद मैं आलसी जानवर से कम से कम कायर इन्सान ही कहलाऊंगी।
पापा गुस्सा मत होईयेगा… ये ख़त मैंने रात भर पढ़ने के बाद ही लिखा है- सच्ची, मम्मी कसम….. चाहें तो आप बुक्स देख लीजियेगा… मैंने स्कूल, टयूशन, टेस्ट पेपर, आप का और मम्मी का सारा काम कर लिया है।
मम्मी परसों के लिए- सॉरी- मेरे हिलने के कारण आप की चूड़ी टूट गयी और चुभने की वजह से आप के हाथ से खून निकल गया, मैं जानती हूँ कि खून निकले तो बहुत दुखता है। मम्मी जानवर को मारने से इन्सान नहीं बना सकते ऐसा होता तो मैं इन्सान कितने साल पहले ही बन गई होती। हाँ, मारने-पीटने से रटाया जा सकता है पर पढ़ाया नहीं।
मम्मी एक बात कहूँ – गुस्सा तो नही होंगी- प्लीज़ इस लैटर पर स्टार दीजियेगा ना, मुझे कभी नहीं मिला- नहीं स्टार जितना अच्छा लैटर तो नहीं लिखा है पर एक स्माइली ही दे दीजियेगा ।
आपकी
डफर