प्रदूषण की समस्या से हम सब परेशान हैं| जब हम अपने घर को छोड़ बाहर की दुनिया में कदम रखते हैं तो हर रोज़ धूल, मिट्टी, शोर, गंदगी आदि से हमारा सामना होता है| कभी-कभी तो इस प्रदूषण में हमारा दम सा घुटने लगता है| प्रदूषित वातावरण को झेलते हुए जब थक हार कर हम अपने घर वापस आते हैं, तो भी कहीं न कहीं घर के भीतर भी प्रदूषित वातावरण से हम सभी दूर नहीं रह पाते, क्योंकि आज के दौर की मार्डन भवन-निर्माण तकनीक में एक से एक नई टेकनोलॉजि व मटैरियल्स के चलते हम चाह कर भी स्वयं को हानिकारक तत्वों से परे नहीं रख पाते|
परंतु आज जब हर ओर इको फ्रेंडलि प्रोड्क्टस की धूम मची है तो क्यों न ‘गो ग्रीन’ के फंडे को अपने लिविंग स्पेस में भी अपनाएं व पूर्णतया स्वस्थ वातावरण की रचना करें|
तो आइए इस संदर्भ में जानते हैं कि किस प्रकार अपने घर को बनायें इको फ्रेंडलि होम:-
•इको फ्रेंडलि इंटीरियर डिज़ाइन के लिए अपने घर में उन्हीं मटैरियल्स का इस्तेमाल करें जो पूर्णतया नैचरल व आरगैनिक (बाहय रसायनों के बिना उतपन्न) हो|
•इको फ्रेंडलि डिज़ाइन के अंतर्गत मटैरियल का चयन करते वक़्त इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जो मटैरियल आप उपयोग कर रहे हैं क्या वो रिन्यूऎबल (नवीनीकरण) या रीसाइक्लेबल (पुनर्निमाण) हैं और जिनको नष्ट करते वक़्त वातावरण दूषित न हो|
•उन सभी मटैरियल्स का उपयोग न करें जिसमें कैमिकल्स का प्रयोग किया गया हो या जिनके निर्माण में अत्यधिक ऊर्जा की खपत होती हो|
•क्रोम्ड मेटल, प्लास्टिक, पार्टिकल बोर्ड आदि जैसे मटैरियल्स को दरकिनार करें|
•हो सकता है कि इको फ्रेंडलि इंटीरियर डिज़ाइन के लिए आपको थोड़ा अधिक पैसा खर्च करना पड़े परंतु हम सभी जानते हैं कि नैचरल मटैरियल सदैव फायदेमंद व ड्यूरेबल होते हैं|
•दीवारों को सजाने के लिए आप इको फ्रेंडलि वॉल कवरिंग्स व पेंटस या स्टोन्स का उपयोग कर सकते हैं| दीवारों पर वुड, सरैमिक टाइल्स या कॉर्क द्वारा पैनेलिंग भी की जा सकती है|
•सीलिंग के लिए आप वुड पैनेल्स का प्रयोग कर सकते हैं|
•यदि फ्लोरिंग की बात की जाए तो स्टोन, वुड, बांस या कॉर्क का प्रयोग उचित रहता है|
•घर के विभिन्न हिस्सों में जहाँ वुड का काम किया गया हो वहाँ वुड के लाइटर व डार्कर कॉबिनेशन द्वारा अपने स्पेस की ईस्थेटिक वैल्यू बढ़ा सकते हैं|
•फर्नीचर के लिए नैचरल वुड व पत्थर का प्रयोग करें| चेयर व टेबल के लिए वुड ब्लॉक्स का प्रयोग करें| टेबल टॉप के लिए स्टोन्स का इस्तेमाल करें| आप चाहें तो मार्बल के फर्नीचर द्वारा भी घर की शोभा बढ़ा सकते हैं|
•इंटीरियर ऎक्सेसरीज़ के लिए ग्लास, क्ले, पत्थर, विकर (टोकरा बुनने वाली खपची) बास्केट जैसे विकल्प उपलब्ध हैं| वैसे अगर आप पेड़ों की शाखाओं को खूबसूरत अंदाज़ में सजाएं तो ये आपके घर को बेहतरीन लुक प्रदान करेगा|
•याद रखें कि जब हम बात इको फ्रेंडलि डिज़ाइन की कर रहे हो, तो पौधों की महत्ता को किसी भी प्रकार से नकारा नहीं जा सकता| इसलिए घर के विभिन्न हिस्सों को पौधों से सुसज्जित करें|
•अपने गार्डन एरिया में एड्बल अर्थात खाने योग्य सब्ज़ी व फल लगायें|
•टेक्सटाइल की यदि बात करें तो आरगैनिक कॉटन, वूल, हेम्प आदि बेहतरीन विकल्प हैं|
•सदैव उन उपकरणों का इस्तेमाल करें जिसमें ऊर्जा की खपत कम हो या जो ऊर्जा बचाने में सक्षम हों|
•सदैव लो वॉलटाइल (वाष्पशील) आरगैनिक कमपाउन्ड्स और टॉक्सिक फ्री पेंट, फिनिशेस व अडहीसिव का प्रयोग करें|
•वॉलपेपर या टेक्सचर्ड फिनिशेस का उपयोग न करें|
अपने आशियाने को एक खूबसूरत आयाम देने के साथ- साथ अपने घर के आस-पास के वातावरण को भी साफ-सुंदर और प्रदूषण रहित बनाने का संकल्प लें| इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि पॉलिथीन बैग के कारण हमारे पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचता है| इसलिए खुद से ये वादा करें कि हम अपने घर में पॉलिथीन बैग के बजाए कपड़े से बने थैलों या कागज़ के लिफाफों का इस्तेमाल करेंगे|