ON THE DOT
Thursday, May 15, 2025
  • Articles
  • Lifestyles
  • Stories
  • ON THE DOT TO
  • Hindi
  • About us
  • Contact
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • Articles
  • Lifestyles
  • Stories
  • ON THE DOT TO
  • Hindi
  • About us
  • Contact
No Result
View All Result
ON THE DOT
No Result
View All Result
Home Articles

गणतंत्र ही भारत के लिए सबसे माकूल शासन व्यवस्था है

by On The Dot
January 26, 2021
Reading Time: 1 min read
0 0
0
गणतंत्र ही भारत के लिए सबसे माकूल शासन व्यवस्था है

Photo Courtesy: Google

RELATED STORIES

Four Nations, Four Claims: The Real Story Behind the Ceasefire

Four Nations, Four Claims: The Real Story Behind the Ceasefire

May 14, 2025
The Terror DNA of Pakistan’s Top Military Spokesman

The Terror DNA of Pakistan’s Top Military Spokesman

May 13, 2025

प्रत्येक भारतीय को गणतंत्र दिवस की अनंत शुभ कामनाये व बधाई ! सृष्टि के रचयिता को भी धन्यवाद कि हमे देवभूमि पर जीवन व्यापन करने का सौभाग्य मिला। आज़ादी के 2 साल 5 महीने और 11 दिन बाद 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ और इसी के साथ हम नई दिशा की और 71 वर्षो से अग्रसर हो रहे हैं। किसी भी राष्ट्र के प्रथम 75 वर्ष बाल्यकाल सामान होते है।
हमारी तमाम विषमताओं और अनगिन विविधताओं के बावजूद हमारा गणतंत्र विश्व में न केवल प्रशंसनीय, बल्कि अनुकरणीय भी है। भारतीय गणतंत्र की जब नींव पड़ रही थी, तब बहुत से लोगों ने इस आशंका का इजहार किया था कि भारतीय आपसी झगड़ों की वजह से एकजुट नहीं रह पाएंगे, चंद लोग अभी भी मौजूद है। सच्चाई यह है कि धीरे-धीरे भारतीय गणतंत्र ने यह सिद्ध कर दिया कि तमाम बाधाओं के बावजूद गणतंत्र ही भारत के लिए सबसे माकूल शासन व्यवस्था है। आजादी मिलने के बाद भारत को एकजुट रखने में गणतंत्र की भूमिका अतुलनीय है। तमाम संप्रदायों, जातियों, जनजातियों के बीच गणतंत्र की रोशनी देश के तमाम अंधेरे कोनों तक पहुंच चुकी है। लोगों में यह विश्वास है कि वे सरकार बना या गिरा सकते हैं। आज हम गणतंत्र दिवस मना रहे हैं, तो गौरव का एहसास होना बहुत स्वाभाविक है। मुझे तो अक्सर गर्व की जगह अभिमान होने लगता है अपने गणतंत्र पर।
आज हमे अपने महान पूर्वजो को जरूर याद करना चाहिए, जिनकी वजह से देश में सामंती माहौल के बावजूद गणतंत्र स्थाई हुआ था आज हम कमियां गिनाने बैठेंगे, तो हमें पता लगेगा कि हमारी आगे की यात्रा अभी बहुत लंबी है, मगर जब हम पीछे पलटकर देखेंगे, तब पाएंगे कि हमने ऐसा बहुत कुछ किया है, जिस पर हम गौरवान्वित हो सकते हैं साथ में यह भी सोचियेगा आपने ऐसा कुछ सोचा भी है जिस पर आप स्वयं पर गर्व कर सके। अंसतोष वास्तविक है या स्वभाव में निहित हो रहा है। सोचिये क्या इतना विशाल, इतना विविध, इतनी भाषाओं वाला कोई दूसरा गणतंत्र है?  अतुलनीय
अद्वतीय गणतंत्र है। हमारा गर्व कीजिये व राष्ट्र निर्माण में समर्पणता से विलीन हो जाइए। जय हिन्द-जय भारत

–आदित्य तिक्कू

Tags: #aDITYa_TIKKU#Article#Think_it#आदित्य_तिक्कू#गणतंत्र दिवस#भारत#लेखIndiaसोचिये
  • Articles
  • Lifestyles
  • Stories
  • ON THE DOT TO
  • Hindi
  • About us
  • Contact

© 2020 ON THE DOT

No Result
View All Result
  • Articles
  • Lifestyles
  • Stories
  • ON THE DOT TO
  • Hindi
  • About us
  • Contact

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In