तमिलनाडु में कुन्नूर के जंगलों में बुधवार को सेना का Mi-17V5 हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका समेत 14 लोग सवार थे। हादसे में बिपिन रावत और उनकी पत्नी की मौत हो गई।MI17 हेलिकॉप्टर को दुनिया के सबसे सेफ हेलिकॉप्टर में से एक माना जाता है। इसलिए क्रैश पर कुछ सवाल भी उठ रहे हैं। सेना ने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए हैं। दिसंबर 2019 को जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया था। उन्होंने जनवरी 1979 में सेना में मिजोरम में प्रथम नियुक्ति पाई थी।बिपिन रावत का चीन को लेकर बेहद सख्त रवैया रहा। इस मामले में वो खुलकर बोलते थे। पिछले महीने भी उनके एक बयान पर चीन काफी बौखला गया था।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तान और चीन के साथ लगती सीमाओं पर परिचालन संबंधी विभिन्न जिम्मेदारियां संभाली। उन्होंने पूर्वोत्तर समेत कई इलाकों में अहम पदों पर काम किया वह युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक एवं विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किए जा चुके थे।
जनरल बिपिन रावत के नेतृत्व में ही सेना ने मणिपुर में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद सीमा पार म्यांमार में सर्जिकल स्ट्राइक की थी।इस सर्जिकल स्ट्राइक में एनएससीएन के कई उग्रवादियों को मार गिराया गया था और उनके कैंप तबाह कर दिए गए थे। इस कार्रवाई में 21 पैरा के कमांडो शामिल थे। थर्ड कार्प्स के अधीन इस बटालियन के कमांडर उस वक्त बिपिन रावत थे।
म्यांमार में की गई इस सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता के बाद सरकार का जनरल रावत पर भरोसा और बढ़ गया था। नतीजतन रावत को 31 दिसंबर 2016 में सेना के तीनों अंगों का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया था। कहते हैं कि इस मुकाम तक पहुंचने में रावत को पूर्वी सेक्टर में एलओसी, पूर्वोत्तर के अशांत इलाकों और कश्मीर में काम करने का लंबा अनुभव काम आया।
उरी में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद जनरल बिपिन रावत ने ही पाकिस्तान पर पलटवार की कमान संभाली थी जनरल बिपिन रावत के ही नेतृत्व में भारतीय सेना ने 29 सितंबर 2016 को पाकिस्तान में स्थित आतंकी शिविरों को ध्वस्त करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। ट्रेंड पैरा कमांडो ने इस सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। इस सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान बुरी तरह घबरा गया था।
सन 1978 में सेना की 11वीं गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में सीडीएस जनरल रावत को कमीशन मिला था। उन्होंने साल 1986 में चीन से लगी एलएसी पर इन्फेंट्री बटालियन के प्रमुख पद की जिम्मेदारी संभाली थी।जनरल रावत कश्मीर में 19 इन्फेंट्री डिवीजन की भी अगुआई कर चुके हैं। उन्होंने देश ही नहीं, संयुक्त राष्ट्र के अभियानों में भी भारत का नेतृत्व किया है। उनको दो सितंबर 2016 को उप सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था। उन्हें युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल, उत्तर युद्ध सेवा मेडल, एवीएसएम, विदेश सेवा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है।
13 नवंबर 2021 को सीडीएस बिपिन रावत ने कहा था- भारत की सिक्योरिटी के लिए चीन सबसे बड़ा खतरा बन चुका है। पिछले साल चीन से लगते सीमावर्ती इलाकों में लाखों जवानों और हथियारों की तैनाती की गई थीभारत और चीन के बीच 13 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन आपसी भरोसे की कमी की वजह से सीमा विवाद सुलझ नहीं पा रहा है चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने रावत के इस बयान को उकसावे भरा, गैर जिम्मेदाराना और खतरनाक बताया था। उन्होंने कहा था- ऐसे बयानों से जियो-पॉलिटिकल टकराव को बढ़ावा मिल सकता है। भारतीय अधिकारी बिना किसी कारण के चीनी खतरे पर अटकलें लगाते रहते हैं, जो दोनों देशों की ऑफिशियल पॉलिसी के खिलाफ है।
15 अप्रैल 2021 को सीडीएस बिपिन रावत ने रायसीना डायलॉग में कहा था- चीन चाहता है ‘माय वे ऑर नो वे’। भारत उसके सामने मजबूती से खड़ा है। हमने साबित किया है कि किसी भी तरह का दबाव डालकर हमें पीछे नहीं धकेला जा सकता।
सीडीएस बिपिन रावत के बयान पर जब चीन से जवाब मांगा गया तो चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू कियान ने इसे ‘खारिज’ कर दिया। कहा- ये बयान पूरी तरह तथ्यों से परे है।
8 अप्रैल 2021 को विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में एक कार्यक्रम के दौरान बिपिन रावत ने कहा था- हमें इस बात का अहसास है कि तकनीक के मामले में चीन काफी सक्षम है। वो भारत पर साइबर हमले करता रहता है। भारत भी चीन के साइबर अटैक से निपटने के लिए अपने साइबर डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने की पूरी कोशिश में जुटा हुआ है।
जनवरी 2018 में सेना प्रमुख रहते हुए जनरल बिपिन रावत ने कहा था- चीन अगर मजबूत है, तो भारत भी अब कमजोर नहीं है। भारत अपनी सीमा पर किसी भी देश को अतिक्रमण नहीं करने देगा। अब हालात 1962 जैसे नहीं हैं। हर क्षेत्र में भारतीय सेना की ताकत बढ़ी है।
रावत के इस बयान पर भी चीन ने आपत्ति जताई थी चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा था- इस साल भारत और चीन के संबंधों में काफी उथल-पुथल रही है। ऐसे बयान दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ाएंगे।
सितंबर 2017 में सेना प्रमुख रहते हुए जनरल बिपिन रावत ने कहा था- भारत को चीन और पाकिस्तान के साथ दो मोर्चों पर युद्ध के लिए तैयार रहने की जरूरत है। उनका ये बयान डोकलाम स्टैंड ऑफ के एक हफ्ते बाद ही आया।
चीन ने इस पर कहा था- ऐसी बयानबाजी दोनों देशों के रिश्ते खराब कर सकती है वो दो मोर्चों पर युद्ध की तैयारी की बात कर रहे हैं, लेकिन ये कॉन्फिडेंस कहां से आ रहा है?
अपने शब्दों को विराम देता हूँ ……… ईश्वर उन्हें शांति व मोक्ष प्रदान करे …….. जय माँ भारती