जीवन में हर व्यक्ति तरक्की पाने का सपना देखता है। लेकिन लक्ष्य पाने की राह पर चलते-चलते अक्सर लोग अपनी अहमियत पहचानने में गलती कर बैठते हैं। हम उन चीजों की अनदेखा कर बैठते हैं जो हमारे व्यक्तित्व निखारने में अहम रोल निभा सकती हैं। अपने अंदर छुपी रचनात्मकता को बाहर निकालने से खुद पर विश्वास बढ़ता है क्योंकि यह हमें खुद अपने साथ समय बिताने का मौका देती है। आइए इन 3 टिप्स से जानते हैं सफलता पाने के लिए क्यों है जरूरी खुद के साथ समय बिताना।
हम खुद से अनजान हैं, तभी खुद को नाकाफी मानते रहते हैं। हर समय और ज्यादा कमाने, पाने और नाम होने के लिए बेचैन रहते हैं। कुछ अच्छा करना हमारी इसी बेचैनी को कम करता है। हमारी रचनात्मकता, खुद को जाहिर करने, कुछ नया रचने, खुद में सुधार करने या अपने साथ समय बिताने का ही मौका नहीं देती, हमें खुद को अपनाने और खुद को जाहिर करने का विश्वास भी देती है।
बुरा लगता है, जब कोई हमारी भलाई और अच्छे बर्ताव का जवाब रूखेपन से देता है। पर यह भी सही है कि हम भी तो कितने ही अच्छे और भले लोगों के साथ ऐसा ही कर रहे होते हैं? जिस उदारता और प्यार की उम्मीद हम अपने लिए दूसरों से रखते हैं, वो हम दूसरों को नहीं दे पाते। अमेरिकी लेखक एरिक हॉफर कहते हैं, ‘रूखापन, ताकतवर होने की कमजोर नकल है।’
शरीर से बेकार और जहरीले तत्वों को बाहर करने की प्रक्रिया डिटॉक्स कहलाती है। पर, यह केवल शरीर के लिए नहीं, जीवन में हर स्तर पर जरूरी है। ऑफिस में डेस्कटॉप, टेबल व दराज से लेकर घर में अलमारी व रसोई में भरे फालतू सामान को बाहर करना भी हमें हल्का करता है। खासकर, डिजिटल लाइफ की सफाई के लिए समय-समय पर अपनी टाइमलाइन, फ्रेंड लिस्ट और फोन को डिटॉक्स करना जरूरी है।