ON THE DOT
Saturday, June 7, 2025
  • Articles
  • Lifestyles
  • Stories
  • ON THE DOT TO
  • Hindi
  • About us
  • Contact
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • Articles
  • Lifestyles
  • Stories
  • ON THE DOT TO
  • Hindi
  • About us
  • Contact
No Result
View All Result
ON THE DOT
No Result
View All Result
Home Articles

बालाकोट एयर स्ट्राइक के 2 साल: जब भारत ने बमवर्षा कर तबाह किए थे पाक में आतंकी कैंप

by On The Dot
February 26, 2021
Reading Time: 1 min read
0 0
0
बालाकोट एयर स्ट्राइक के 2 साल: जब भारत ने बमवर्षा कर तबाह किए थे पाक में आतंकी कैंप

Image Courtesy: Google

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के दर्द पर बालाकोट एयर स्ट्राइक मरहम है। आज ही के दिन भारतीय वायुसेना के वीर जवानों ने पाकिस्तान की धरती में घुस कर आतंकवादियों का सफाया किया था और पाकिस्तान को इसकी भनक भी नहीं लगी थी। आज यानी 26 फरवरी को उस बालाकोट एयर स्ट्राइक के दो साल पूरे हो गए, जब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुस कर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर बमबारी कर उसे तबाह कर दिया था। 14 फरवरी को हुए जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने 26 फरवरी की देर रात इसका बदला लिया था और पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित जैश के आतंकी कैंप को नेस्तानबूद कर दिया था। भारतीय वायुसेना के इस एयर स्ट्राइक में जैश के करीब 250 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया था।

दरअसल, पाकिस्तान में बालाकोट एयर स्ट्राइक पुलवामा आतंकी हमले का बदला था। 14 फरवरी को जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीआरपीएफ का काफिला गुजर रहा था। सामान्य दिन की तरह ही उस दिन भी सीआरपीएफ के वाहनों का काफिला अपनी धुन में जा रहा था। तभी एक कार ने सड़क की दूसरी तरफ से आकर इस काफिले के साथ चल रहे वाहन में टक्‍कर मार दी। इसके साथ ही एक जबरदस्‍त धमाका हुआ। यह आत्मघाती हमला इतना बड़ा था कि मौके पर ही सीआरपीएफ के करीब 42 जवान शहीद हो गए। पुलवामा आतंकी हमले से पूरे देश में रोष पैदा हो गया।

पुलवामा आतंकी हमले से सभी सन्न थे। हर कोई आतंकियों से इसका बदला लेना चाहता था। सरकार ने भी पुलवामा के शहीदों की शहादत का बदला लेने के लिए 12 दिन बाद 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित आतंकी कैंप पर हमला कर दिया। पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए सरकार ने भारतीय वायुसेना को चुना। भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को तड़के बालाकोट में आसमान से बमवर्षा शुरू कर दी। भारतीय वायुसेना के इस एयर स्ट्राइक में जैश के न सिर्फ आतंकी ठिकाने तबाह हुए, बल्कि करीब 250 से अधिक आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया।

RELATED STORIES

Drone Warfare Meets Diplomacy: Ukraine’s Bold Message to Moscow

Drone Warfare Meets Diplomacy: Ukraine’s Bold Message to Moscow

June 2, 2025
Debt as Diplomacy: China Tightens Geopolitical Grip on Developing Nations

Debt as Diplomacy: China Tightens Geopolitical Grip on Developing Nations

May 28, 2025

पुलवामा हमले के जवाब में जब भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान 26 फरवरी को तड़के पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर बम बरसा रहे थे, तब वहां गहरी नींद में सो रहे लोगों को लगा मानो जलजला आ गया हो। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, भारतीय वायुसेना का हमला काफी खौफनाक था। ऐसा महसूस हो रहा था कि भूकंप के तेज झटकों से जमीन कांप रही है। बालाकोट के जाबा टॉप निवासी मोहम्मद आदिल ने कहा था, ‘सुबह तीन बजे के आसपास का समय था। बाहर से बहुत ही खौफनाक आवाज आई। ऐसा लगा जलजला आया हो। हम सब एक झटके में उठकर बैठ गए। पांच-दस मिनट बाद एहसास हुआ कि बम धमाका हुआ है। इसके बाद हम रात भर सो नहीं पाए। पल-पल यही डर सताता रहा कि कहीं कोई और बम न गिर जाए।’

90 सेकेंड में पूरा हुआ था मिशन
भारतीय वायु सेना (IAF) की तरफ से पाकिस्तान स्थित बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकी शिविर पर ‘मिशन’ को सिर्फ 90 सेकेंड के भीतर अंजाम दिया गया था और इस ऑपरेशन के लिए जिस तरह की सीक्रेसी रखी गई थी उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसे अंजाम देने वाले पायलट के परिवार के सदस्यों को भी इस बारे में कुछ नहीं मालूम था। इस तरह के भारतीय वायुसेना के हमले में पहली बार इस्तेमाल किए गए मिराज-2000 लड़ाकू विमानों के एक पालयट ने बताया था कि “यह 90 सेकेंड में पूरा हो गया था, हमने बम फेंका और वापस लौट आए।” जबकि, नाम न बताने की शर्त पर भारतीय वायु सेना के एक अन्य पायलट ने कहा था “इसे कोई नहीं जानता था, यहां तक के मेरे परिवार के सदस्यों को भी नहीं मालूम था।”

बालाकोट एयरस्ट्राइक का कोडनेम था ‘ऑपरेशन बंदर’
14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर एयर स्ट्राइक की थी। बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने ध्वस्त कर दिए थे और इसकी गोपनीयता बनाए रखने के लिए इसका कोडनेम ‘ऑपरेशन बंदर’ रखा था। वायुसेना के इस सैन्य ऑपरेशन के लिए 12 मिराज लड़ाकू विमानों को भेजा था। गोपनीयता बनाए रखने और योजना की जानकारी सार्वजनिक न हो यह सुनिश्चित करने के लिए बालाकोट ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन बंदर’ कोडनेम दिया गया था।’

यही कोडनेम क्यों रखा गया? इसके पीछे की किसी खास वजह का खुलासा न करते हुए सूत्रों ने कहा था कि बंदरों का भारत में युद्ध में हमेशा से एक विशेष स्थान रहा है। भगवान राम के सेनानायक प्रभु हनुमान चुपके से लंका में घुस जाते हैं और शक्तिशाली रावण का पूरा साम्राज्य उजाड़ देते हैं।

12 मिराज विमानों ने दागीं मिसाइलें: 26 फरवरी को 12 मिराज विमानों ने बालाकोट शहर में मौजूद जैश के आतंकी ठिकानों पर मिसाइल बरसाने के लिए उड़ानें भरी थीं। बालाकोट पाक के खैबर पख्तूनवा प्रांत में आता है।

  • Articles
  • Lifestyles
  • Stories
  • ON THE DOT TO
  • Hindi
  • About us
  • Contact

© 2020 ON THE DOT

No Result
View All Result
  • Articles
  • Lifestyles
  • Stories
  • ON THE DOT TO
  • Hindi
  • About us
  • Contact

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In