ON THE DOT
Thursday, May 15, 2025
  • Articles
  • Lifestyles
  • Stories
  • ON THE DOT TO
  • Hindi
  • About us
  • Contact
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • Articles
  • Lifestyles
  • Stories
  • ON THE DOT TO
  • Hindi
  • About us
  • Contact
No Result
View All Result
ON THE DOT
No Result
View All Result
Home Lifestyles

कटक की अतुलनीय विरासत: ‘तारकसी’

Written By| Swapnil Shukla

by On The Dot
January 28, 2021
Reading Time: 1 min read
0 0
0
कटक की अतुलनीय विरासत: ‘तारकसी’

Photo Courtesy: Google

‘कटक’, उड़ीसा राज्य का प्रसिद्ध शहर, कई मायनों में भारत के ख्याति प्राप्त शहरों में से एक है. महानदी ब्रिज, चण्डी मंदिर, सड़क किनारे के स्वादिष्ट भोज्य पदार्थ जैसे दही बड़ा, आलू दम, गुपचुप और चाट, बाराबाती स्टेडियम व किला, दुर्गा पूजा, बलियात्रा या कार्तिक पूर्णिमा जैसे त्योहार की बात करें या पीतल, हाथी दाँत और चाँदी पर की गई बेमिसाल दस्तकारी व कलाकारी या तलाश हो बेहतरीन कॉटन व सिल्क फैब्रिक की, कटक शहर को कला, संस्कृति का शहर कहना अतिशयोक्ति न होगा. कटक की मशहूर व बेमिसाल विरासत सिल्वर फिलिग्री या तारकसी के काम के कारण कटक को सिल्वर सिटी भी कहा जाता है.

तारकसी की कला जो कि 500 वर्षों से भी अधिक प्राचीन है, कला, सौंदर्य व उपयोगिता का महान मिश्रण है. यह कला आज के आधुनिक समय में भी प्रासंगिक है जो अपनी पारंपरिक जड़ों के साथ जुड़ी हुई है. पशु-पक्षी, फूल-पत्ती आदि डिज़ाइन्स से लैस मिनचर हैण्ड्बैग्स, आभूषण, स्मारिका (सूवनिअर) व कोणार्क चक्र व ताज महल का रेप्लिका (प्रतिकृति) आदि तारकसी द्वारा तैयार किए जाते हैं जो बेहद मनमोहक व आकर्षक लगते हैं. तारकसी द्वारा तैयार महाभारत को आधार बनाकर अर्जुन व भगवान कृष्ण का रथ काफी प्रचलित है.

तारकसी की डिज़ाइन्स को चाँदी के तारों व पन्नी द्वारा तैयार किया जाता है. चाँदी के तारों व पन्नी को कुशल कारीगर मनमाफ़िक डिज़ाइन्स के अनुरुप ढालते हैं. जिसके फलस्वरुप हमें बेहतरीन व अनंत सौंदर्य से लैस आभूषणों व वस्तुओं की प्राप्ति होती हैं. ग्रैन्यूलेशन, स्नो ग्लेज़िंग व कास्टिंग जैसी तकनीकों का उपयोग कर तारकसी की कला को नया आयाम दिया जाता है. प्लैटिनम पॉलिश द्वारा तारकसी से लैस आभूषण व वस्तु की चमक को बढ़ाया जाता है. तारकसी की कला को एक अलग रुप प्रदान करने के लिए कारीगर कभी-कभी चाँदी-पीतल को मिश्रित करके एक भेदकारी व अनमोल वस्तु को तैयार करते हैं.

RELATED STORIES

Sweet & Tangy Bengali Chutney: A Flavor Bomb for Your Plate!

Sweet & Tangy Bengali Chutney: A Flavor Bomb for Your Plate!

May 15, 2025
Significance of Mokshada Ekadashi: A Special Observance in Hinduism

Nirjala Ekadashi 2025: Rules, Significance, and Observance

May 15, 2025

सिल्वर फिलिग्री अर्थात तारकसी डिज़ाइन्स से लैस आभूषणों की सुंदरता व दमक बेमिसाल होती है. हाथों के आभूषण, हार, बिछिया और खासकर पायल लोगों के बीच अधिक प्रचलन में हैं. तारकसी द्वारा तैयार पायल, जिसमें सेमी प्रीशियस स्टोन्स जड़े हों, की माँग सबसे अधिक है. सिंदूर दान, पेंडेंट, कानों की बालियाँ, हेयर पिन्स, ब्रूचेस भी अत्यधिक प्रचलित हैं.

ओड़िसी नृत्य के लिए भी नृत्यांगनाएं व नृतक अमूमन तारकसी कला से लैस आभूषण को ही अधिक तवज्जो देते हैं. प्राचीन समय में ओड़िया संस्कृति के अनुसार विवाह में तारकसी द्वारा तैयार सिंदूर दान का उपयोग अनिवार्य था. आज के आधुनिक समय में ओड़िया विवाह में तारकसी द्वारा तैयार वेस्ट बैण्ड (कमर बंध) व पायल और बिछिया का उपयोग अनिवार्य है.

इसके अतिरिक्त प्रति वर्ष कटक में दुर्गा पूजा में तारकसी कला का विभिन्न पाण्डालों में प्रयोग किया जाता है. माँ दुर्गा के आभूषण भी तारकसी द्वारा ही तैयार किए जाते हैं जो बेहद आकर्षक व भव्य होते हैं.

तारकसी की कला कटक ही नहीं अपितु भारत देश की सर्वाधिक अनमोल विरासतों में से एक है. तारकसी का कार्य कुशल कारीगरों के अभाव में संभव नहीं. तारकसी की कला कुशल, योग्य कारीगरों की मेहनत, लगन व कड़े परिश्रम का साक्षात उदाहरण है जो सौंदर्य, उपयोगिता व लावण्य का मिश्रण है.

अत: तारकसी की कला में पारंगत कारीगरों की उन्नति के लिए सरकार के साथ- साथ आम लोगों को भी प्रयास करने चाहिये ताकि दिनों-दिन सुविधाओं के अभाव में विलुप्त होती इस कला को प्रोत्साहन मिले और इस उत्कृष्ट व अनमोल कला को देश–विदेश में ख्याति प्राप्त हो सके.

Tags: artefactsCuttackfiligreeheritagehistoryIndian ArtJewelleryOdishasilverTarkashi
  • Articles
  • Lifestyles
  • Stories
  • ON THE DOT TO
  • Hindi
  • About us
  • Contact

© 2020 ON THE DOT

No Result
View All Result
  • Articles
  • Lifestyles
  • Stories
  • ON THE DOT TO
  • Hindi
  • About us
  • Contact

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In