वास्तु का हमारे जीवन में बहुत महत्व है. हमें भवन निर्माण, ऑफिस या कोई कारखाना खोलना हो तो हमें वास्तु के अनुसार ही बनाना चाहिए. इससे घर-कार्यालय में सुख-शांति बनी रहती है. तो आइये इस सन्दर्भ में जानते हैं कि कैसे करें वास्तु के अनुसार अपने ऑफिस का निर्माण:
•आप का ऑफिस यानी कार्यालय आपके पेशे या व्यापार के लिए सोचने, कार्य के क्रियान्वयन, व्यापार में वृद्धि और धन सृजन की जगह है. कार्यालय का प्रवेश द्वार बिल्कुल सीधा होना चाहिए. ऑफिस का एंट्रेंस बिल्कुल साफ और सीधा रखें. इस दरवाजे में ऐसी चीज़ ना रखी हो जो आपको सीधे ऑफिस में घुसने से रोक रही हो.
•वास्तु के अनुसार ऑफिस स्पेस या कार्य करने की जगह का सेंटर (केंद्र स्थल) खाली रखना चाहिए. यदि आप अपने ऑफिस में क्यूबिकल में बैठते हैं तो, इसके सेंटर में गोला बनाएं और उसमें मौजूद किसी भी चीज़ का प्रयोग ना करें।
•यदि आप ऑफिस का निर्माण करवा रहे हैं तो आप इसको उत्तर-पूर्वी भाग में बनाएं. इसके अलावा जब रिसेप्शनिस्ट कस्टमर या क्लायंट से बात करे तो, उसका मुख उत्तरी या पूर्वी दिशा में होना चाहिये. ऐसा करने से व्यवसाय के क्षेत्र में कई नए अवसर प्राप्त होते हैं.
•वास्तु के अनुसार ऑफिस में बहता हुआ पानी बहुत ही शुभ माना जाता है. इसलिए आप अपने ऑफिस के अंदर फाउंटेन आदि का प्रयोग कर सकते हैं. इस फाउंटेन को आप ऑफिस के उत्तरी या पूर्वी कोने में रखें. जहां ये अधिक से अधिक लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचे. इसके अलावा यदि आप चाहें तो ब्लैकफिश और 9 गोल्डफिश वाला एक्वेरियम भी अपने ऑफिस में रख सकते हैं.
•वास्तु अनुसार ऑफिस का अकाउंट्स डिपार्टमेंट दक्षिण पूर्वी भाग में होना चाहिए. यह शुभ माना जाता है. इस दिशा से समृद्धि प्राप्त होती है.
•कार्यालय की इमारत के लिए प्लॉट चौकोर या आयताकार होना चाहिए. अनियमित आकार के भूखंडों से बचा जाना चाहिए|
•ऑफिस के मुखिया या मालिक के बैठने का स्थान, दक्षिण पश्चिम कोने में होना चाहिए और बैठते समय उत्तर की तरफ का सामना करना चाहिए.
•अन्य वरिष्ठ सदस्यों को दक्षिण या पश्चिम में बैठना वास्तु सम्मत है. जब वे दक्षिण में बैठे हों तो उत्तर का सामना करना चाहिए और पश्चिम में बैठते समय पूर्व का सामना करना चाहिए.
•पूर्व और उत्तरी पक्षों की जगह जूनियर स्तर के कर्मचारियों के लिए है.
•स्वागत कक्ष उत्तर पूर्व में उपयुक्त होगा और आगंतुकों से मिलने के लिए कक्ष उत्तर पूर्व या उत्तर पश्चिम दिशा में बनाया जा सकता है.
•बिक्री एवं मार्केटिंग की टीम के लिए कार्यालय में उत्तर पश्चिमी दिशा उत्तम हैं.
•कैफेटेरिया/कैंटीन दक्षिण पूर्व या उत्तर पश्चिम की ओर में होना चाहिए.
•शौचालय के लिए पश्चिम और उत्तर पश्चिम दिशा उपयुक्त हैं.
•छत की बीम के नीचे किसी भी बैठने की व्यवस्था नहीं करनी चाहिए.